अंतर्राष्ट्रीय क़ुरआन समाचार एजेंसी (IQNA) ने रामल्लाह समाचार एजेंसी के अनुसार बताया शेख मोहम्मद हुसैन ने एक बयान में इस कुरान के प्रकाशन के संबंध में एक समस्या के कारण कुरान की एक प्रति प्रकाशित ना करने की चेतावनी दी थी।
उन्होंने इस बयान में कुरान के प्रकाशन में सटीकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा: कि "इस कुरान में कुछ सफेद पन्ने को मुद्रित किया गया है, जो कुरान के पृष्ठों की व्यवस्था करने में गलत है।
शेख मोहम्मद हुसैन ने भी किताबों की दुकानों और उन लोगों से इस कुरआन की प्रतियों की मांग की है, जिनको शारिया कानून के तहत दारु अल-इफ्ता इसके बारे में कार्रवाई करे।
याद रहना चाहिए कि यह संस्करण फिलिस्तीन में अल-तफीफिआयाह प्रेस द्वारा लाइसेंस संख्या 59 से 20 मई 2015 में मिस्र के अल-अजहर के इस्लामिक अध्ययन की अनुमति के साथ प्रकाशित किया गया था।
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